हरियाणा सरकार ने मंजूर किया पंचकूला-मोरनी सडक़ प्रोजेक्ट

हरियाणा सरकार ने मंजूर किया पंचकूला-मोरनी सडक़ प्रोजेक्ट

हरियाणा सरकार ने मंजूर किया पंचकूला-मोरनी सडक़ प्रोजेक्ट

हरियाणा सरकार ने मंजूर किया पंचकूला-मोरनी सडक़ प्रोजेक्ट

चंडीगढ़, 19 अक्टूबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंचकूला महानगरीय विकास को पंचकूला-मोरनी सडक़ प्रोजेक्ट और गति प्रदान करेगा। इससे मोरनी क्षेत्र के लोगों और पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिलेगी। 
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पंचकूला से मोरनी जाने वाली सडक़ को और मजबूत व चौड़ा करने के प्रस्ताव को केंद्र में भेजे जाने के लिए अनुमति प्रदान की। मुख्यमंत्री राज्य वन्यजीव बोर्ड हरियाणा की छठी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में वन एवं वन्यजीव विभाग के मंत्री कंवरपाल भी मौजूद रहे।
पंचकूला से मोरनी जाने वाली लगभग 17 किलोमीटर लंबी सडक़ को चौड़ा और मजबूत किया जाना है। यह सडक़ पंचकूला के खौल-ही-राइतान वन्य अभयारण्य के क्षेत्र में आती है। इस सडक़ के निर्माण कार्य के लिए केंद्र सरकार के नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइफ की मंजूरी अनिवार्य है। 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंचकूला के विकास और पर्यटन के लिए इस सडक़ का चौड़ा होना अति आवश्यक है। 
इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने तत्काल राज्य वन्यजीव बोर्ड को इस सडक़ के चौड़ा और मजबूत करने का प्रस्ताव बनाकर नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइफ को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस सडक़ के नवनिर्माण से पंचकूला महानगरीय विकास प्रोजेक्ट को बल मिलेगा और मोरनी क्षेत्र में पर्यटकों को भी आवागमन की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इस बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन रॉय, आलोक निगम, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ.अमित अग्रवाल, प्रधान सचिव विनीत गर्ग व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

वाइल्ड लाइफ और पर्यावरण से जुड़े प्रस्तावों में न हो देरी

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वन क्षेत्र, वाइल्ड लाइफ और पर्यावरण से जुड़े प्रस्तावों में कोई देरी न की जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इनसे जुड़े प्रस्तावों को समय रहते रिव्यू करके उन पर फैसले लिए जाएं ताकि विकास कार्य समयबद्ध तरीके से किए जा सकें। इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण पर भी विशेष ध्यान देने के लिए कहा। बैठक के दौरान माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, पंचकूला में स्थापित किए जाने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेदा के प्रोजेक्ट पर भी चर्चा की गई। यह प्रोजेक्ट भी मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइफ को भेजा गया।